Puja Khedkar Case : पूजा खेडकर का केस आजकल बहुत चर्चा में है। वे एक आईएएस ट्रेनी हैं, जिनके कई विवादास्पद कार्यों ने सभी को चौंका दिया है। ये कहानी एक यूट्यूब वीडियो से ली गई है, जिसमें पूजा खेडकर और उनके परिवार के बारे में कई चौंकाने वाली बातें बताई गई हैं।
मेंटल इलनेस का बहाना
पूजा खेडकर के एडवोकेट वैभव कुलकर्णी ने कहा कि पूजा को क्लस्ट्रोफोबिया है। इस वजह से वे एमआरआई स्कैन नहीं करवा सकतीं। ये एक मानसिक बीमारी है जिसमें बंद जगहों में घबराहट होती है।
पुलिस पर दबाव डालना
18 मई को नवी मुंबई के डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस विवेक पंसारे को एक कॉल आया। इस कॉल में कहा गया कि एक स्टील चोरी के आरोपी को छोड़ दिया जाए। यह कॉल पूजा खेडकर ने किया था। उन्होंने कहा कि यह मेरे आने से पहले हो जाना चाहिए।
प्रॉपर्टीज और इनकम
पूजा के पास अहमदनगर और पुणे में सात प्रॉपर्टीज हैं। इनकी कुल वैल्यू 17 करोड़ है। इनसे उनकी एनुअल इनकम 48 लाख है। इसके बावजूद डीओपीटी ने उन्हें नॉन क्रीमी लेयर की ओबीसी रिजर्वेशन दे दी। यह एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है कि हमारे देश में क्या हो रहा है।
यूपीएससी का सपना
हर साल करीब 10 लाख कैंडिडेट्स यूपीएससी का एग्जाम देते हैं। वे देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। लेकिन अगर एक दिन उन्हें पता चले कि जिस रेस में वे भाग रहे हैं, वह रेस पहले से ही फिक्स थी, तो उनका क्या होगा? पूजा का केस यही बताता है।
विशेष प्रिविलेजेस की मांग
पूजा ने आईएएस बनने के बाद कई विशेष प्रिविलेजेस की मांग की। उन्होंने अपनी प्राइवेट गाड़ी में लाल बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और महाराष्ट्र सरकार बोर्ड की मांग की। उन्होंने कलेक्टर से अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवाज और कांस्टेबल तक की मांग की।
फर्जी प्रमाण पत्र और जांच
पूजा पर फर्जी प्रमाण पत्र जमाकर आईएएस बनने का आरोप है। केंद्र सरकार ने एक समिति बनाई है जो इन आरोपों की जांच करेगी। यह केस इतना शॉकिंग है कि कुछ डिटेल्स पर विश्वास करना मुश्किल है।
सरकारी सिस्टम में सुधार की जरूरत
इस केस से यह साफ है कि हमारे सिस्टम में बड़े रिफॉर्म्स की जरूरत है। आईएएस और आईपीएस लेवल पर ही नहीं, बल्कि हमारी अंडरग्राउंड एजुकेशन में भी सुधार की जरूरत है।
पूजा का परिवार
पूजा के पिताजी दिलीप राव खेडकर एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। वे महाराष्ट्र पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में काम करते थे। पूजा की मां भाल कांव गांव की सरपंच हैं। उनके दादाजी भी एक सीनियर ब्यूरोक्रेट थे।
एमबीबीएस और यूपीएससी
पूजा ने अपनी एमबीबीएस पुणे से की और दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में काम किया। उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम कई बार दिया और 2019 में आईआरएस में भर्ती हुईं। नवंबर 2021 में उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में असिस्टेंट डायरेक्टर की जॉब के लिए अप्लाई किया और उन्हें वह जॉब मिल भी गई।
मेडिकल एग्जामिनेशन और विवाद
यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने के बाद एम्स हॉस्पिटल ने पूजा को मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए बुलाया। पर पूजा ने कई बार इसे करने से मना कर दिया। उन्होंने कोविड और एमआरआई स्कैन न करवा सकने का बहाना दिया। एम्स ने डीओपीटी को बताया कि पूजा को कैंडिडेट नहीं बनाना चाहिए।
बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला
पूजा ने अपना केस सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइबल (सीटी) के पास ले गईं। सीटी ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया। इसके बाद पूजा बॉम्बे हाई कोर्ट गईं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके हक में रूलिंग की और एम्स को कहा कि दूसरे तरीके से मेडिकल एग्जामिनेशन करें।
ट्रेनिंग और पोस्टिंग
पूजा की ट्रेनिंग पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरेट में शुरू हुई। वे एक असिस्टेंट कलेक्टर बन गईं। लेकिन उनकी पोस्टिंग भंडारा डिस्ट्रिक्ट में हुई थी। यह सवाल उठता है कि उन्हें पुणे में ट्रेनिंग की अपॉर्चुनिटी कैसे मिल गई।
2 साल का प्रोबेशन पीरियड
यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स को 2 साल का प्रोबेशन पीरियड पास करना पड़ता है। यह उनका ट्रेनिंग पीरियड होता है। अगर वे इस दौरान कोई गलती करते हैं तो उनकी प्रोबेशन कंसिल की जा सकती है।
विवादास्पद डिमांड्स
पूजा ने जॉइनिंग डेट से पहले ही कई डिमांड्स कीं। उन्होंने अपने चेंबर में फर्नीचर और लेटर हेड की मांग की। उनके पिताजी ने ऑफिसर्स को धमकी दी कि पूजा को परेशान करने के लिए उन्हें कई चीजें झेलनी पड़ेंगी।
ओबीसी रिजर्वेशन का सवाल
पूजा को ओबीसी रिजर्वेशन कैसे मिली, यह बड़ा सवाल है। उनके पिताजी की इलेक्शन एफिडेविट में 40 करोड़ की जायदाद, 43 लाख की एनुअल इनकम और 110 एकड़ की एग्रीकल्चरल जमीन पाई गई है। फिर भी उन्हें नॉन क्रीमी लेयर की ओबीसी रिजर्वेशन मिल गई।
ट्रैफिक वायलेशंस और जांच
पुणे की ट्रैफिक पुलिस ने पूजा को नोटिस भेजा कि उन्होंने अपनी प्राइवेट गाड़ी चलाई थी और 21 चालान पेंडिंग हैं। उनके घर पर ऑडी दिखी पर अगले दिन वह गायब हो गई। यह सब देखकर गुस्सा आता है क्योंकि ऐसे लोग सिस्टम को बस मिसयूज नहीं कर रहे बल्कि उसका मजाक उड़ा रहे हैं।
सिस्टम में करप्शन
Puja Khedkar Case आईएएस ऑफिसर्स में करप्शन एक ओपन सीक्रेट है। फॉर्मर आईएएस ऑफिसर और आरबीआई गवर्नर डी सुबराव ने कहा कि 25% आईएएस ऑफिसर्स या तो करप्ट हैं या इनकंपेटेंट। ऐसे ऑफिसर्स के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन करना भी आसान नहीं है। सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है और कई बार सरकार ही परमिशन नहीं देती।
पूजा खेडकर का केस दिखाता है कि हमारे सिस्टम में कितनी खामियां हैं। इसे सुधारने की सख्त जरूरत है ताकि मेहनती और ईमानदार कैंडिडेट्स को उनका हक मिल सके।