Tripti Dimri Hotness in Bollywood: ट्रिप्ति डिमरी एक टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं। उन्होंने कई अच्छी फिल्मों में काम किया है। लेकिन फिर भी, उन्हें इंडस्ट्री में ऑब्जेक्टिफाई किया जा रहा है। ये प्रॉब्लम बॉलीवुड में काफी समय से है और इसे सॉल्व करने की जरूरत है। इस आर्टिकल में हम ट्रिप्ति के करियर, ऑब्जेक्टिफिकेशन के इशू और इसके रीजन पर बात करेंगे।
Tripti Dimri Hotness in Bollywood : ट्रिप्ति डिमरी का ऑब्जेक्टिफिकेशन
ट्रिप्ति डिमरी का करियर जर्नी
ट्रिप्ति डिमरी ने अपने करियर की शुरुआत Poster Boys फिल्म से की थी। लेकिन उनका रोल इसमें बहुत इम्पॉर्टेंट नहीं था और फिल्म भी खास नहीं चली। असली डेब्यू उनकी फिल्म Laila Majnu मानी जाती है। इस फिल्म में उनकी टैलेंट और स्क्रीन प्रेजेंस दिखी। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई।
Bulbbul फिल्म से ट्रिप्ति को ज्यादा रिकॉग्निशन मिला। ये उनकी बेस्ट परफॉर्मेंस मानी जाती है। Netflix पर आई इस फिल्म ने क्रिटिकल अक्क्लेम पाया। लेकिन मेनस्ट्रीम ऑडियंस में अभी भी उन्हें ज्यादा लोग नहीं जानते थे।
टर्निंग पॉइंट: Animal
फिल्म Animal ट्रिप्ति के करियर में बड़ा टर्निंग पॉइंट था। उन्होंने जोया का कैरेक्टर प्ले किया और ये रोल उन्हें बहुत पॉपुलैरिटी मिली। लेकिन उनकी परफॉर्मेंस Laila Majnu और Bulbbul जैसी स्ट्रॉन्ग नहीं थी। उनकी पॉपुलैरिटी का मेन रीजन इंटीमेट सीन्स थे जो वायरल हो गए थे। इससे वे मेनस्ट्रीम ऑडियंस में जानी जाने लगीं।
ऑब्जेक्टिफिकेशन का इशू
बॉलीवुड में फीमेल एक्ट्रेसेस का ऑब्जेक्टिफिकेशन कोई नया इशू नहीं है। ये सालों से चल रहा है और ट्रिप्ति इसकी लेटेस्ट विक्टिम हैं। स्ट्रॉन्ग परफॉर्मेंसेस देने के बाद भी उन्हें आई कैंडी की तरह प्रमोट किया जा रहा है। इसका एग्जाम्पल है फिल्म Bad News का गाना “Janam”। इसमें ट्रिप्ति को फोर्सफुली इंटीमेट सीन्स में दिखाया गया है।
ऑब्जेक्टिफिकेशन क्यों चलता रहता है?
फिल्म इंडस्ट्री मानती है कि इंटीमेट सीन्स और आइटम सॉन्ग्स डालने से फिल्में सक्सेसफुल होती हैं। ये माइंडसेट इंडस्ट्री में गहरे बैठा हुआ है और यही वजह है कि आज भी फिल्मों में अननेसेसरी सीन्स डाले जाते हैं।
ट्रिप्ति और दूसरी एक्ट्रेसेस की तुलना
ट्रिप्ति की सिचुएशन और भी डिसहार्टनिंग हो जाती है जब उनकी तुलना आलिया भट्ट और अनन्या पांडे से की जाती है। आलिया और अनन्या को इंडस्ट्री में हमेशा अलग ट्रीटमेंट मिला है। भले ही उनकी फिल्में अच्छी ना हो, उन्हें ज्यादा अटेंशन और रिस्पेक्ट दी जाती है। जबकि ट्रिप्ति को, एक आउटसाइडर होने की वजह से, बहुत सी प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती हैं।
ऑब्जेक्टिफिकेशन का इम्पैक्ट
ऑब्जेक्टिफिकेशन से एक्ट्रेसेस की टैलेंट को अंडरमाइन किया जाता है। ऑडियंस उनकी एक्टिंग स्किल्स को कम और उनके लुक्स और इंटीमेट सीन्स को ज्यादा नोटिस करती है। इससे उनकी क्रेडिबिलिटी कम होती है और उन्हें अच्छे रोल्स मिलने में मुश्किल होती है।
चेंज की जरूरत
इंडस्ट्री को अपने अप्रोच में चेंज लाने की जरूरत है। फिल्में बनाते समय टैलेंट को प्रमोट करना चाहिए और आर्टिस्ट्स को रिस्पेक्ट देना चाहिए। इंटीमेट सीन्स तब ही डालने चाहिए जब वो स्टोरी और कैरेक्टर डेवलपमेंट के लिए जरूरी हों।
ट्रिप्ति डिमरी डिजर्व बेटर
ट्रिप्ति डिमरी ने अपनी परफॉर्मेंसेस से ये प्रूफ कर दिया है कि वे एक टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं। उन्हें उनके टैलेंट के बेसिस पर प्रमोट करना चाहिए, ना कि उनके लुक्स के लिए। इंडस्ट्री को उन्हें अच्छे और चैलेंजिंग रोल्स देने चाहिए।
Tripti Dimri Hotness in Bollywood
ट्रिप्ति डिमरी का ऑब्जेक्टिफिकेशन एक बड़ा इशू है जिसे सॉल्व करने की जरूरत है। इंडस्ट्री को टैलेंट को प्रमोट करना चाहिए और बेटर कंटेंट क्रिएट करना चाहिए। ट्रिप्ति जैसी टैलेंटेड एक्ट्रेसेस को रिकॉग्निशन और रिस्पेक्ट मिलनी चाहिए। इंडस्ट्री को अपनी अप्रोच चेंज करनी चाहिए और ऑब्जेक्टिफिकेशन को बंद करना चाहिए। इससे बॉलीवुड एक ज्यादा प्रोग्रेसिव और इनक्लूसिव इंडस्ट्री बन सकती है।
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